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जेकेएलएफ के चीफ और अलगाववादी यासीन मलिक को गुरुवार को दिल्ली कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में दोषी करार दिया है। इससे पहले यासीन मलिक ने स्वीकार कर लिया था कि वह कश्मीर में टेरर एक्टिविटी में शामिल था।
अब स्पेशल जज प्रवीण सिंह इस मामले में 25 मई को सजा मलिक को सजा सुनाएंगे। हालांकि, जज ने जुर्माने की राशि को निर्धारित करने से पहले NIA को मलिक की वित्तीय स्थिति का आकलन करने के लिए कहा है। इससे पहले यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा था कि वह UAPA और आईपीसी के तहत लगी किसी भी धारा को चुनौती नहीं देना चाहता है।
वहीं, मलिक को दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान को मिर्ची लग गई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि हुर्रियत नेता यासीन मलिक को साल 2017 में NIA की ओर से दर्ज एक मनगढ़ंत मामले में दोषी ठहराया गया है। पाकिस्तान ने इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने दूतावास अधिकारी को आपत्तियों से जुड़ा एक दस्तावेज (डिमार्शे) दिया, जिसमें यासीन मलिक के खिलाफ 'मनगढ़ंत आरोप' लगाए जाने की कड़ी निंदा की गई थी।
सालों तक कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी पिट्ठू यासीन मलिक को उसके किए जुर्मों के लिए कितनी सजा मिलेगी। कानूनी जानकारों के अनुसार इसके लिए मलिक को अधिकतम फांसी की सजा तक भी सुनाई जा सकती है और कम से कम उम्रकैद की सजा तय मानी जा रही है। हालांकि 25 मई को कोर्ट मलिक की सजा पर फैसला सुनाएगा तभी ये साफ हो पाएगा की मलिक को क्या सजा मिली है।
यासीन मलिक अभी दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद है। 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानों की हत्या, मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण, 2017 में कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के कई आरोप हैं।-