मन की बात : प्रधानमंत्री ने की जल संरक्षण के लिए जन आंदोलन की अपील
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहली मन की बात कार्यक्रम के जरिए रविवार को लोगों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने सबसे पहले कहा कि एक लंबे अंतराल के बाद आपके बीच मन की बात कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि चुनाव की आपाधापी में व्यस्तता तो ज्यादा थी लेकिन मन की बात का मजा ही गायब था, एक कमी महसूस कर रहा था। हम 130 करोड़ देशवासियों के स्वजन के रूप में बातें करते थे। यह भी पढ़ें : ‘बीजेपी राजनीतिक गंगा, इसमें आकर सबके पाप धुल जाते हैं’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जब देश में आपातकाल लगाया गया तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं रहा था, राजनेताओं तक सीमित नहीं रहा था, जेल के सलाखों तक, आन्दोलन सिमट नहीं गया था। जन-जन के दिल में एक आक्रोश था। उन्होंने कहा कि भारत गर्व के साथ कह सकता है कि हमारे लिए, कानून नियमों से परे लोकतंत्र हमारे संस्कार हैं, लोकतंत्र हमारी संस्कृति है, लोकतंत्र हमारी विरासत है। और आपातकाल में हमने अनुभव किया था और इसीलिए देश, अपने लिए नहीं, लोकतंत्र की रक्षा के लिए आहुत कर चुका था। [caption id="attachment_313193" align="aligncenter" width="700"] मन की बात : प्रधानमंत्री ने की जल संरक्षण के लिए जन आंदोलन की अपील[/caption] यह भी पढ़ें : अब इनेलो के इस नेता ने थामा बीजेपी का दामन पीएम मोदी ने जल संकट पर कहा कि मुझे इस बात की ख़ुशी है कि हमारे देश के लोग उन मुद्दों के बारे में सोच रहे हैं, जो न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य के लिए भी बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि जल की महत्ता को सर्वोपरि रखते हुए देश में नया जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया है। इससे पानी से संबंधित सभी विषयों पर तेज़ी से फैसले लिए जा सकेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा पहला अनुरोध है – जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया। आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें।
यह भी पढ़ें : क्या बीजेपी में शामिल हुए इनेलो नेता सतीश नांदल ने खुद के ही बयान का ‘मजाक’ बनाया ? प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अनुरोध करते हुए कहा कि हमारे देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं। मैं आप सभी से, जल संरक्षण के उन पारंपरिक तरीकों को शेयर करने का आग्रह करता हूँ। जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों का, स्वयं सेवी संस्थाओं का, और इस क्षेत्र में काम करने वाले हर किसी का, उनकी जो जानकारी हो, उसे आप #JanShakti4JalShakti के साथ शेयर करें ताकि उनका एक डाटाबेस बनाया जा सके।There is no fixed way to conserve water. In different parts, different methods may be adopted but the aim is same- to conserve every drop of water. #MannKiBaat pic.twitter.com/39SYEL4Wcp — PMO India (@PMOIndia) June 30, 2019