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अनाज मंडी में सड़ गई 3 हजार रुपये की 28 हजार क्विंटल गेहूं, अब जानवरों के खाने लायक भी नहीं बची

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Vinod Kumar
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अनाज मंडी में सड़ गई 3 हजार रुपये की 28 हजार क्विंटल गेहूं, अब जानवरों के खाने लायक भी नहीं बची
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यमुनानगर/ तिलाक भारद्वाज: हरियाणा के यमुनानगर के कस्बा बिलासपुर की आनाज मंडी में 28 हजार क्विंटल गेहूं सड़कर खराब हो गई। हालात यह है कि सड़ी हुई गेंहू से उठती हुई बदबू के कारण इसके पास कोई खड़ा भी नहीं हो पा रहा है। इंसान तो क्या अब यह जानवरों के खाने लायक भी नहीं बचा। इस गेहूं की कीमत लगभग तीन करोड़ है। सरकारी गोदामों से लेकर खुले आसमान के नीचे न जाने कितने लाख क्विंटल गेंहू अभी भी पड़ा है, लेकिन ज्यादा तर गेंहू हर साल गरीबो के मुंह का निवाला बनने की जगह इस कदर सड़ जाता है कि उसे आदमी तो क्या जानवर भी नहीं खाते। ऐसे ही तस्वीरें हरियाणा में यमुनानगर के कस्बा बिलासुपर से सामने आई हैं। दराअसल यहां मंडी के पिछली तरफ मार्केट कमेटी के पास लगभग 28000 बैग गेहूं से भरे पडे थे, जोकि दो साल पहले ही यहां स्टोर की गई थी। स्टोर में रखे गेंहू को लेकर वेयर हाउस के अधिकारियों और कर्मचारी ने ऐसी लापरवाही दिखाई कि आज यह गेहूं इस कदर सड़ गया है कि इसके पास भी कोई खड़ा नही हो पा रहा। बदबू के कारण यहां कोई खड़ा भी नहीं हो पाता। लोगों का मानना है कि सरकार ने इसे अगर गरीबों में बांट दिया होता तो किसी की भूख शांत हो जाती। अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ही यह गेहूं सड़ रहा है। प्रशासन ने इस मामले की भनक लगने के बाद संबंधित अधिकारियों से मामले में जवाब मांगा है। क्योंकि इस गेहूं की कीमत करीब तीन करोड़ से अधिक बैठती है, जोकि अब यही गेंहू इस हालात में है कि इसे कोई भी उठाने को तैयार नही है।-
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