200 किसान जो मरे हैं अगर घर होते तो भी मरते: कृषि मंत्री जेपी दलाल

By  Arvind Kumar February 13th 2021 05:24 PM

भिवानी। केंद्रीय कृषि कानूनों की जानकारी देने के उद्देश्य से भिवानी में कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने एक पत्रकार वार्ता का आयोजन करते हुए कहा कि नए कृषि कानून किसानों के पक्ष में हैं। जो किसान पुरानी मंडी व्यवस्था व एमएसपी को लेकर आशंकित है, उन्हें जरा भी घबराने की जरूरत नहीं हैं। क्योंकि पुरानी व्यवस्था पहले की तरह चलती रहेगी। नए कृषि कानून किसानों को एक बेहतर विकल्प देने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रयास हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान जो किसान मरे हैं अगर वो घर में होते तो भी मरते। हालांकि बाद में मंत्री ने मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना भी जताई।

वही कृषि मंत्री ने कहा कि यूपी की तर्ज पर हरियाणा में भी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले से रिकवरी का कानून बनना चाहिए। 

JP Dalal on Farmers Protest 200 किसान जो मरे हैं अगर घर होते तो भी मरते: कृषि मंत्री जेपी दलाल

कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों के लिए लाभकारी होंगे। जो किसान आधुनिक व प्रगतिशील खेती करना चाहेगा, उसके लिए नए कृषि कानून एक बेहतर विकल्प साबित होंगे। पत्रकार वार्ता के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि साहूकारों के चंगुल से छुड़ाने के लिए केंद्र सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड का ब्याज देने के लिए इस वर्ष 16 लाख 50 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान किया है, जो पिछले वर्ष 15 लाख करोड़ रूपये था।

JP Dalal on Farmers Protest 200 किसान जो मरे हैं अगर घर होते तो भी मरते: कृषि मंत्री जेपी दलाल

उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में देश में गेहूं खरीद का बजट 33 हजार 874 करोड़ रूपये था, जो वर्तमान 2020-21 में 75 हजार करोड़ रूपये से अधिक कर दिया गया है। इसी प्रकार 2013-14 में केंद्र सरकार ने दालों की खरीद 236 करोड़ रूपये की की थी, जो वर्तमान में बढ़कर 10 हजार 305 करोड़ रूपये हो गई हैं। इस प्रकार किसानों की फसलों को लेकर खरीद के आंकड़ें साफ बताते हैं कि किसानों के हित में वर्तमान केंद्र सरकार ने बेहतरीन कदम उठाएं हैं।

JP Dalal on Farmers Protest 200 किसान जो मरे हैं अगर घर होते तो भी मरते: कृषि मंत्री जेपी दलाल

कृषि मंत्री ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों के लिए बाध्यकारी नहीं है, बल्कि यह वैकल्पिक व्यवस्था है। जो किसान पुरानी व्यवस्था के हिसाब से फसलों को बोना व बेचना चाहता है, वह व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। इस मामले में किसानों को किसी भी भ्रम की स्थिति में नहीं पड़ना चाहिए।

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