दीपेंद्र हुड्डा बोले- किसानों से टकराव की बजाय समाधान का रास्ता निकाले सरकार

By  Arvind Kumar May 16th 2021 06:57 PM -- Updated: May 16th 2021 07:05 PM

चंडीगढ़ः राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने हिसार में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा की है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों के घाव पर मरहम लगाने की बजाय बार-बार उन्हें कुरेदने का काम कर रही है। वो किसान आंदोलन का समाधान निकालने की बजाए किसानों से टकराव के हालात पैदा करने में लगी है। मुख्यमंत्री भली-भांति जानते हैं कि प्रदेश का किसान उनसे नाराज है। बावजूद इसके वो उन्हें उकसाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम कर रहे हैं।

दीपेंद्र हुड्डा बोले- किसानों से टकराव की बजाय समाधान का रास्ता निकाले सरकार

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि 400 से ज्यादा शहादतों के बावजूद किसान सत्याग्रह के रास्ते पर अडिग हैं। सरकार को अब तक समझ जाना चाहिए था कि किसान अपनी मांग मनवाए बिना पीछे हटने वाले नहीं हैं। इसलिए सरकार को हठधर्मिता छोड़कर उनसे बातचीत शुरू करनी चाहिए थी। महामारी और केंद्र सरकार की अनदेखी के बीच फंसे अन्नदाता की मदद के लिए प्रदेश सरकार को आगे आना चाहिए था। बीजेपी-जेजेपी सरकार को किसानों की मांगें मनवाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए था। लेकिन ऐसा करने की बजाय सरकार किसानों को ही घाव पर घाव दे रही है।

सांसद दीपेंद्र ने कहा कि इलाज, ऑक्सीजन और दवाइयों के अभाव में रोज प्रदेश के सैकड़ों लोगों की जाने जा रही हैं। एक-एक मरीज के लिए एक-एक मिनट बेहद मुश्किल साबित हो रहा है। लेकिन इन सबके बीच भी सरकार इवेंटबाजी, उद्घाटन और उत्सव मनाने में व्यस्त है। मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं देने से पहले घंटों-घंटों के समारोह और ढिंढ़ोरा पीटने के आयोजन हो रहे हैं। ऐसे परिस्थितियों में ये कार्यक्रम बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने पूछा कि क्या बिना फीता काटे किसी हॉस्पिटल में मरीजों को दवाई नहीं दी जा सकती? क्या बीमारी फीता कटने का इंतजार करती रहेगी?

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राज्यसभा सांसद ने कहा कि उद्घाटन कार्यक्रमों के जरिए मुख्यमंत्री खुद कोरोना गाइडलाइंस को तोड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में सुरक्षाकर्मियों समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारियों का अमला मौजूद रहता है। जिन लोगों को इस मुश्किल घड़ी में मरीजों की सेवा में तैनात होना चाहिए था, वो मुख्यमंत्री की आवभगत में खड़े नजर आते हैं। लगता है जींद की घटना से भी मुख्यमंत्री ने कोई सबक नहीं लिया। जींद के सरकारी अस्पताल का दौरा करने पहुंचे मुख्यमंत्री को मरीजों के तीमारदारों ने उनके मुंह पर कहा था कि उनके दौरे की वजह से अस्पताल की व्यवस्थाएं बेहतर होने की बजाय खराब हुई हैं। मुख्यमंत्री के दौरे की वजह से पूरा दिन मरीजों को एक घूंट पानी तक नहीं मिल पाया। क्योंकि, तमाम प्रशासनिक अमला मरीजों को छोड़कर मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल को निभाने में जुटा हुआ था।

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार और मुख्यमंत्री इन घटनाओं से सबक लें और किसान व कोरोना मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना बंद करें।

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