कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के लिए गुलाम नबी आजाद का इस्तीफा बड़ा झटका माना जा रहा है। कांग्रेस इस समय नेतृत्व संकट के साथ साथ बुरे दौर से भी गुजर रही है। हालिया चुनावों में कांग्रेस को कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है।
सोनिया गांधी को सौंपे गए इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा, 'बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने कांग्रेस के साथ अपना पुराना संबंध खत्म करने का निर्णय लिया है। कांग्रेस से मेरा नाता आधी सदी पुराना है। कांग्रेस चाटुकारों के कारण इच्छा शक्ति और क्षमता पूरा तरह से खो दी है। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने से पहले 'नेतृत्व को कांग्रेस जोड़ो' यात्रा करनी चाहिए थी।'
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टी में अब चाटुकारों की सुनी जाती है। राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बनते ही सलाह मशविरे को तंत्र को नष्ट कर दिया। राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेताओं को अपमानित किया। यूपीए-2 में सरकार की ओर से पारित अध्यादेश को फाड़ना राहुल गांधी की एकदम बचकाना हरकरत थी।
गुलाम नबी आजाद काफी लंबे समय से पार्टी की नीतियों को लेकर नाराज चल रहे थे। आजाद ने कहा कि पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव संपन्न नहीं हुए। कांग्रेस लड़ने की अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो चुकी है।
वहीं, गुलाम नबी आजाद ने ऐलान कर दिया है कि वो अपनी अलग पार्टी बनाएंगे। बीजेपी में शामिल होने का उनका कोई इरादा नहीं है। गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देते ही जम्मू कई कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के सभी पदों से अपना इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि कांग्रेस में इससे पहले कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा समेत कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं।