किसानों की मांगें जायज, उन्हें तुरंत स्वीकार करे सरकार: दीपेन्द्र हुड्डा

By  Arvind Kumar November 23rd 2020 04:19 PM

  • किसानों की मांगें जायज, उन्हें तुरंत स्वीकार करे सरकार: दीपेन्द्र हुड्डा
  • फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दे सरकार
  • किसानों की मांगों पर अड़ियल रवैया सरकार को महंगा पड़ेगा

चंडीगढ़। राज्य सभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि किसानों की मांगें उचित और जायज हैं, सरकार इन मांगों को तुरंत स्वीकार करे और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दे। लगातार लागत बढ़ने और कमाई घटने से किसान पहले ही परेशान थे, अब 3 नये कृषि कानूनों से किसान पर जबरदस्त आर्थिक चोट पहुंचेगी। उन्होंने सरकार को चेताया कि वह अपने अहंकार और असंवेदनशीलता को छोड़े। किसानों की मांगों पर अड़ियल रवैया सरकार को महंगा पड़ेगा।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार कहती है कि उसने किसानों के हित में क़ानून बनाये हैं, अगर ये क़ानून किसानों के हित में हैं तो फिर हमारे अन्नदाता नाराज़ क्यों हैं और कोरोना महामारी के खतरे के बावजूद सड़कों पर उतरने को क्यों मजबूर हो रहे हैं।

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Congress Leader Deepender Hooda किसानों की मांगें जायज, उन्हें तुरंत स्वीकार करे सरकार: दीपेन्द्र हुड्डा

उन्होंने कहा कि किसान जानना चाहता है कि इन तीन कानूनों की मांग किसने की थी और कोरोना की आड़ में इन कानूनों को क्यों लाया गया? पूरे देश में कोरोना महामारी के चलते भीड़ इकठ्ठा होने पर पाबंदी है, शायद यही कारण है कि ऐसे समय में इन कानूनों को लागू किया गया ताकि किसान अपने हक की आवाज भी न उठा सकें और किसी तरह का विरोध प्रदर्शन भी न कर सकें। इतना ही नहीं, कोरोना महामारी के दौर में भी किसान पिछले 2 महीने से आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार गहरी नींद में सोई हुई है। उसे किसानों की कोई चिंता ही नहीं है।

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उन्होंने कहा कि बिना एमएसपी गारंटी किये इन 3 क़ानूनों से किसानों की बर्बादी तय है। इन तीन कृषि कानूनों में MSP का कहीं कोई जिक्र तक नहीं है। जबकि, न्यूनतम समर्थन मूल्य किसान की आत्मा हैं, यदि आत्मा ही नहीं रहेगी तो शरीर कैसे जीवित रहेगा। सरकार अगर MSP की गारंटी नहीं देगी तो फिर किसान की फसल की लूट मचेगी। धीरे-धीरे मंडियां और न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था ख़त्म हो जाएगी और फिर किसान अपनी मेहनत से उपजाई फसल को कौड़ियों के भाव में बेचने को मजबूर हो जाएगा।

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इतना ही नहीं, किसान पर तो 3 नये कृषि क़ानूनों की मार पड़नी भी शुरू हो गई है। आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव का ही नतीजा है कि जमाखोर किसानों से सस्ते में ख़रीदकर आम जनता को महंगे भाव पर उपज बेच रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश का किसान सड़कों पर उतरकार इन क़ानूनों का विरोध कर रहा है।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि आज हरियाणा में हर वर्ग इस सरकार की कारस्तानियों से दु:खी है। हाल के उप-चुनाव में जनभावना और जनादेश से स्पष्ट है कि लोगों ने हमें इस सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने का जनादेश दिया है। हमारा संघर्ष इस अनैतिक, अहंकारी असंवेदनशील गठबंधन सरकार के खिलाफ आगाज से अंजाम तक जारी रहेगा।

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