कृषि कानून वापस ले सरकार, देश के किसानों से मांगे माफी: अभय चौटाला

By  Arvind Kumar January 20th 2021 04:25 PM

तोशाम। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंग्रेज तो नहीं हैं लेकिन दमनकारी नीतियां लागू कर अंग्रेज बनना चाहते हैं। केंद्र की सरकार द्वारा किसान विरोधी जो तीन कृषि कानून लागू किए गए उन्हें सरकार 26 जनवरी तक वापस ले और देश के किसानों से माफी मांगे। उक्त शब्द इनेलो के प्रधान महासचिव व विधायक अभय सिंह चौटाला ने तोशाम में केंद्र द्वारा द्वारा बनाए गए तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ ट्रैक्टर यात्रा को शुरू करने से पहले पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहे। बुधवार को तोशाम से अभय सिंह चौटाला ने स्वयं ट्रैक्टर चलाकर कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर यात्रा की शुरूआत की।

Abhay Chautala Tractor Yatra कृषि कानून वापस ले सरकार, देश के किसानों से मांगे माफी: अभय चौटाला

इनेलो नेता ने कहा कि अंग्रेजों के शासन में भी उन्होंने इसी तरह के काले कानून लागू करने की कोशिश की थी। उस समय ना तो सोशल मीडिया, ना टेलिफोन और टेलिविजन थे। रेडियो और एकाध अखबार होते थे और वे भी गांवों में नहीं जाते थे। उस समय शहीद ए आजम भगत सिंह के चाचा सरदार अजीत सिंह ने उन कानूनों का विरोध करना शुरू किया था और आंदोलन आठ माह तक चला था। वे कानून अंग्रेजों को भी वापस लेने पड़े थे और अंग्रेजों को भी किसानों से माफी मांगनी पड़ी थी।

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उन्होंने कहा कि किसान व जवान एक ही परिवार से हैं अगर सरकार ने किसानों को कुचलने की कोशिश की तो जवान भी अपनी दूसरी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं इसलिए समय रहते हुए प्रधानमंत्री को देश बचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका जो मतदाता है सभी किसान हैं और आज किसान दुखी है। उनके लिए पद कोई मायना नहीं रखता, किसान पद से पहले हैं इसलिए उन्होंने अपनी जिम्मेवारी निभाते हुए विधायक पद से इस्तीफा स्पीकर को भेज दिया है।

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अभय चौटाला ने कहा कि जो किसान का वोट लेकर विधायक बने हुए हैं और आज वे किसानों के पक्ष में अपना इस्तीफा नहीं दे रहे तो आने वाले समय में वे अपने गांव के पंच भी नहीं बन पाएंगे। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस का दिवालिया पिट गया है। आज जो कृषि कानून बने हुए हैं, उनका ड्राफ्ट 2012 में बना था और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी उस कमेटी में शामिल थे। कांग्रेसी प्रदेश सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कहकर अखबारों की सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं।

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