राहुल गांधी की राष्ट्रपति से मुलाकात पर अकाली नेता दलजीत चीमा का बयान

By  Arvind Kumar December 10th 2020 09:36 AM

नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की और एक ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि कृषि कानून किसान विरोधी है। PM ने कहा था कि ये कानून किसानों के हित में हैं, तो फिर किसान सड़क पर क्यों खड़े हैं? सरकार को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान डर जाएंगे और हट जाएंगे। जब तक कानून वापिस नहीं हो जाते तब तक किसान न हटेगा न डरेगा।

Farmers Protest in india राहुल गांधी की राष्ट्रपति से मुलाकात पर अकाली नेता दलजीत चीमा का बयान

राहुल गांधी की राष्ट्रपति से मुलाकात पर SAD नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि अगर राज्यसभा और लोकसभा में वो अपनी जिम्मेदारी निभाते तो ये मुसीबत खड़ी नहीं होती। तब वो चुप थे क्योंकि 2019 में उनके मैनिफेस्टों में APMC वापिस लेने की बात थी। पार्टियों के इसी दोगलेपन के कारण किसान किसी पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।

यह भी पढ़ें- कृषि कानूनों पर केंद्र के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद ये है किसानों की रणनीति

Farmers Protest in india राहुल गांधी की राष्ट्रपति से मुलाकात पर अकाली नेता दलजीत चीमा का बयान

वहीं उन्होंने कहा कि बड़ी निराशाजनक बात है कि इतने दिनों के बाद भी ये मसला हल नहीं हो पाया। बातचीत का माहौल तब बन पाएगा जब भारत सरकार तीनों कानून रोक देती है। उसी वक्त शांति हो जाएगी। फिर जब सार्थक माहौल होगा तब सरकार आराम से बैठकें कर बातचीत कर सकती है।

यह भी पढ़ें- अभय चौटाला बोले- किसान संगठन बोलेंगे तो सबसे पहले दूंगा इस्तीफा

उधर सरकार का प्रस्ताव खारिज करने के बाद किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन का आज 15वां दिन है। किसान नेताओं ने कहा कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाना चाहिए, इससे कम कुछ भी स्वीकार नहीं है और एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाना चाहिए। किसान संगठनों ने कहा कि सरकार दोबारा प्रस्ताव भेजेगी तो उस पर विचार करेंगे।

Farmers Protest in india राहुल गांधी की राष्ट्रपति से मुलाकात पर अकाली नेता दलजीत चीमा का बयान

अब किसान संगठन ने इस आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया है। पूरे देश में धरने प्रदर्शनों को जारी रखने की रणनीति बनाई गई है। 12 तारीख को देशभर के टोल प्लाजा को फ्री करने की रणनीति बनाई गई है। 12 दिसंबर को ही दिल्ली-जयपुर हाइवे को ब्लॉक किया जाएगा। 14 तारीख को देशभर में बड़े स्तर पर प्रदर्शन किए जाएंगे।

वहीं बीजेपी नेताओं का घेराव करने की भी रणनीति बनाई गई है। इसके अलावा कुछ उद्योगपतियों के संस्थानों के बाहर भी धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया है।

Related Post