मणिपुर लैंडस्लाइड: सात जवानों के शव मलबे से निकले गए, 25 अभी भी लापता
मणिपुर के नोनी जिले में भू स्खलन के कारण सेना का कैंप भूस्खलन की चपेट में आ गया था। इस हादसे में सेना के 7 जवानों समेत 14 लोगों की मौत हो गई है। अभी भी लगभग 25 जवान मलबे के नीचे दबे हुए हैं। जवानों की तलाश में बचाव अभियान भी चल रहा है। बताया जा रहा है कि भारी बारिश की वजह से बुधवार रात अचानक पहाड़ दरका और भारतीय सेना का कैंप मलबे के नीचे दब गया था। हादसे के समय कैंप में बड़ी संख्या में सेना के जवान मौजूद थे। सेना के जवान, रेलवे के कर्मचारी, गांववाले और मजदूरों को मिलाकर लगभग 60 लोगों के दब होने की आशंका है। कल 13 जवानों को सुरक्षित बचाया गया था। भारी भू स्खलन के कारण आर्मी कैंप पूरी तरह से तहस नहस हो गया है। ताबही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कैंप का नामों निशान मिट चुका है। वहीं, बड़े पैमाने पर मलबे गिरने के कारण इजेई नदी का बहाव रुक गया है। इससे निचले इलाकों के लिए खतरा पैदा हो गया है। मलबे में दबे हुए लोगों के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। भूस्खलन के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राज्य सरकार और रेलवे की बचाव टीमों ने मोर्चा संभाल लिया है। वहीं, घायल हुए लोगों का इलाज नोनी आर्मी अस्पताल में चल रहा है। खराब मौसम और भूस्खलन के कारण बचाव कार्य में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कुछ दिनों में लगातार बारिश के कारण कई लोगों को NH-37 पर यात्रा न करने की भी सलाह दी गई थी।