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राजौरी में शहीद हुए निशांत मलिक का पैतृक गांव में अंतिम संस्कार, सैकड़ों ने लोगों ने नम आंखों से दी विदाई

Written by  Vinod Kumar -- August 13th 2022 05:02 PM -- Updated: August 13th 2022 07:45 PM
राजौरी में शहीद हुए निशांत मलिक का पैतृक गांव में अंतिम संस्कार, सैकड़ों ने लोगों ने नम आंखों से दी विदाई

राजौरी में शहीद हुए निशांत मलिक का पैतृक गांव में अंतिम संस्कार, सैकड़ों ने लोगों ने नम आंखों से दी विदाई

हांसी/संदीप सैनी: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकवादियों के हमले में शहीद हुए हांसी के निशांत मलिक का शनिवार को उनके पैतृक गांव ढंढेरी में अंतिम संस्कार किया गया। शहीद जवान को उनके पिता जयवीर ने मुखाग्नि दी। इससे पहले शहीद जवान की हांसी के आदर्श नगर से गांव तक अंतिम यात्रा निकाली गई। अंतिम यात्रा में काफी संख्या में लोगो ने हिस्सा लिया और निशांत अमर रहे के नारे लगाए। निशांत मलिक का शनिवार सुबह पार्थिव शरीर उनके घर आदर्श नग में पहुंचा। जैसे ही तिरंगे में लिपटे शहीद का पार्थिव शरीर घर में पहुंचा तो मां- बहन उससे लिपट कर रोने लगीं। यह दृश्य देखकर सभी लोगों की आंखें नम हो गई। करीब 10 बजे शहीद निशांत मलिक की अंतिम यात्रा शुरू की गई। शहीद की अंतिम यात्रा के लिए हिसार कैंट से आई गाड़ी को फूलों से सजाया गया और गाड़ी में शहीद के पिता जयबीर सिंह अपने हाथ में तिरंगा लिए हुए खड़े थे। शहीद की अंतिम यात्रा में लोगों ने रास्ते में फूल बरसाए और भारत माता की जय के नारे लगाए। शहर से 5 किलोमीटर दूर गांव तक पहुंचने के लिए शहीद की अंतिम यात्रा को करीब 3 घंटे लग गए। गांव के राजकीय स्कूल में भी शहीद निशांत मलिक के पार्थिव शरीर को ग्रामीणों के अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। पूरा गांव अपने सपूत के दर्शन के लिए पहले से पलकें बिछाए बैठे थे और हर कोई नमः आंखों से अपने शहीद की बहादुरी पर नाज करते हुए निशांत मलिक अमर रहे के नारे लगा रहा था। निशांत तीन बहनों का इकलौता भाई था। करीब 20 साल से निशांत मलिक का परिवार हांसी में रह रहा है। पहले निशांत का परिवार वकील कॉलोनी में रहता था और करीब चार साल पहले ही वो आदर्श नगर में शिफ्ट हुए थे। निशांत मलिक तीन बहनों का इकलौता भाई थी। निशांत की दो बहनों की शादी हो चुकी है और छोटी बहन की शादी जनवरी में होनी थी। निशांत बीए की पढ़ाई भी कर रहा था और इसीलिए वह अपने पेपर देने के लिए डेढ़ महीने की छुट्टी लेकर कुछ दिन पहले घर आया हुआ था। वह जुलाई को अपनी छुट्टी पूरी करके वापिस ड्यूटी पर गया था। बृहस्पतिवार को आतंकियों ने उनके कैंप पर हमला कर दिया गया। हमले में निशांत आतंकियों का मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे।


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