यमुना में खुदाई के दौरान 'प्रकट' हुए 'भगवान'!
करनाल। (डिंपल चौधरी) करनाल के फरीदपुर गांव के पास रेत की खान में खुदाई के दौरान 11वीं और 12वीं सदी का शिवलिंग, नंदीगण व मंदिर के स्तम्भ मिले हैं। यमुना से सटे गांव में करीब तीस फीट गहराई में मिले शिवलिंग को ग्रामीण भगवान शिव का चमत्कार मान रहे हैं। शिवलिंग हल्के गुलाबी रंग के पत्थर से बना हुआ है जबकि नंदीगण की मूर्ति स्लेटी रंग के पत्थर की बनी हुई है। [caption id="attachment_356636" align="aligncenter" width="700"] यमुना में खुदाई के दौरान 'प्रकट' हुए 'भगवान'![/caption] खान से मिला एक स्तंभ करीब एक फीट चौड़ा व चार फीट लंबा है, जबकि इतने ही साईज का दूसरा स्तम्भ दो हिस्सों में टूटा हुआ मिला है। दोनों स्तम्भ हल्के बादामी रंग के पत्थर से बने हैं। इनमें से एक स्तम्भ के ऊपर देवी की प्रतिमा के दोनों तरफ गणों व शेर की प्रतिमाएं बनाई हुई हैं। [caption id="attachment_356637" align="aligncenter" width="700"] यमुना में खुदाई के दौरान 'प्रकट' हुए 'भगवान'![/caption] ग्रामीणों का कहना है कि सदियों पहले यमुना नदी के किनारे शिव मंदिर होगा जिसमें से यह शिवलिंग उन्हें मिला है। फरीदपुर गांव के ग्रामीण इस घटना को अपने गांव का सौभाग्य बता रहे हैं। जैसे ही ग्रामीणों को शिव परिवार की सूचना मिली तो ग्रामीण शिव परिवार के दर्शन के लिए पहुंच गए। श्रद्धालुओं ने शिवलिंग व शिव परिवार की पूजा अर्चना की। पूरा गांव भोले बाबा के जयकारों से गूंज उठा। ग्रामीण महिला शुगनी देवी व रानी का कहना है कि उनके गांव की सीमा में शिवलिंग का मिलना बहुत ही शुभ है। भगवान शिव की कृपा उनके गांव पर बनी है। [caption id="attachment_356639" align="aligncenter" width="700"] यमुना में खुदाई के दौरान 'प्रकट' हुए 'भगवान'![/caption]
पुरातत्व विभाग से मौके पर पहुंचे शुभम ने बताया की हमारा विभाग शिवलिंग व मूर्तियों की जांच करेगा ताकि इनके महत्व व निर्माण के बारे में ज्यादा जानकारी मिल सके। यह भी पढ़ें : 22 नवंबर से 10 दिसंबर तक होगा अन्तर्राष्ट्र्रीय गीता महोत्सव का आयोजन ---PTC NEWS---