अशोक तंवर को रास नहीं आई 'ममता', राहुल गांधी के करीबी रहे अब केजरीवाल की टीम का बनेंगे हिस्सा
कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रहे तंवर का केवल चार महीने में टीएमसी से मोहभंग हो गया है। आज वो दिल्ली में आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि वे आज दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के निवास पर आप की सदस्यता लेंगे। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं। अशोक तंवर ने 23 नवंबर 2021 को टीएमसी ज्वाइन की थी। उनके टीएमसी छोड़ने की बात समर्थकों ने सोशल मीडिया पर लिख दी है। तंवर जब कांग्रेस में थे तब उनकी गिनती पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबियों में हुआ करती थी। अशोक तंवर को राहुल ने हरियाणा प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष भी बनाया था। टिकट वितरण में अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्होंने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दिया था और कांग्रेस प्रमुख के आवास दस जनपथ के बाहर प्रदर्शन भी किया था। [caption id="attachment_389552" align="alignnone" width="700"] [/caption] कांग्रेस छोड़ने के बाद अशोक तंवर ने अपनी पार्टी बनाई। इसका नाम 'अपना भारत मोर्चा' रखा। इस राजनीतिक पार्टी के गठन का कार्यक्रम दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित किया गया। कई कांग्रेस के नेता उनके साथ अपना भारत मोर्चा गए। लेकिन उनकी पार्टी राज्य में कुछ खास नहीं कर पाई और उन्होंने फिर किसी बड़ी पार्टी में शामिल होने का मन बनाया और टीएमसी ज्वाइन कर ली। अशोक तंवर ने 23 नवंबर 2021 को तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। अशोक तवंर ने तब कहा था कि मौजूदा समय में ममता बनर्जी ही विपक्ष की सबसे बड़ी नेता हैं और उनके नेतृत्व में ही भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर लड़ाई लड़ी जा सकती है। अशोक तंवर 2009 में सिरसा से सांसद रह चुके हैं। इसके बाद 2014 और वर्ष 2019 में उन्हें हार मिली। टिकट वितरण को लेकर नाराज तंवर ने पार्टी छोड़ने के बाद 2019 विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ प्रचार किया था। उन्होंने जननायक जनता पार्टी के दुष्यंत चौटाला, ऐलनाबाद सीट पर इनेलो के अभय सिंह का समर्थन किया था। वर्तमान में दुष्यंत बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार में डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके बाद ऐलनाबाद में 2021 में हुए उपचुनाव में भी उन्होंने अभय सिंह का समर्थन किया था।