हरियाणा विधानसभा सत्र: सदन में गूंजा HPSC में भर्ती घोटाले का मामला, सीएम ने शायरी में दिया जवाब
चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन एचपीएससी में हुए भर्ती घोटाले का मुद्दा खूब गूंजा। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सदन में सरकार को घेरते हुए खूब हंगामा किया। सीएम मनोहर लाल ने नौकरियों में धांधली के मामले में विपक्ष की ओर से लाये गए काम रोको प्रस्ताव का जवाब दिया। सीएम ने एक शेर पढ़ते हुए कहा कि मैं तो चिराग हूं...दुश्मनी मेरी अंधेरों से है हवा तो यूं ही मेरे खिलाफ बहती है। सीएम ने कहा हरियाणा लोक सेवा आयोग में अभी तक कोई परीक्षा लीक नहीं हुई है। लीक होना, नकल होना और पेपर आउट होना तीनों अलग-अलग बातें हैं। एचसीएस के 150 पदों पर आवेदन मांगे गए थे। कुल 1 लाख 48 हजार आवेदन आए थे। डेंटल सर्जन के 81 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। 10 नवंबर को परिणाम घोषित किया गया था। हिसार के नरेंद्र ने शिकायत में कहा था कि भिवानी का रहने वाले एक व्यक्ति नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे मांग रहा है। 20 लाख रुपए में बातचीत हुई थी। इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने नवीन को 20 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। [caption id="attachment_480970" align="alignnone" width="300"] फाइल फोटो[/caption] सीएम ने कहा कि नवीन से पूछताछ के आधार पर अश्विनी शर्मा को गिरफ्तार किया गया। अनिल नागर के घर से 1 करोड़ 20 लाख बरामद किए गए। बाकी के पैसे अनिल नागर के साथी आशीष घर के घर से बरामद हुए थे। यह राशि 2 करोड़ रुपये की थी। इस दौरान एक सूची भी अनिल नागर के पास से बरामद हुई थी। तीनों आरोपियों से पूछताछ में पता लगा कि इसमें 32 आवेदक शामिल थे [caption id="attachment_560163" align="alignnone" width="300"] सीएम मनोहर लाल[/caption] सीएम ने कहा कि अनिल नगर का अपराध बहुत बड़ा था इसीलिए उसे नियमों के तहत बर्खास्त कर दिया गया है। जो भी इस मामले से जुड़े बड़े मगरमच्छ है सब के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जो भी दोषी व्यक्ति है उसको किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। एचपीएससी से मिले दस्तावेजों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। सीएम ने कहा कि एचपीएससी में उप सचिव का पद कांग्रेस सरकार में सृजित किया गया था और पहला उप सचिव 21 फरवरी 2014 में नियुक्त किया गया था। अमरजीत नाम का पहला एचसीएस अधिकारी उप सचिव के पद पर नियुक्त किया गया था। अमरजीत 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और 3 साल के बाद ही उन्हें HPSC में उपसचिव लगाया गया था। [caption id="attachment_560166" align="alignnone" width="300"] फाइल फोटो[/caption] इस पर भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सवाल उपसचिव लगाने का नहीं है, लेकिन लोक सेवा आयोग में भर्ती प्रक्रिया की सारी शक्तियां उप सचिव को क्यों दी गई, जबकि यह शक्तियां सचिव के पास होती हैं। एचपीएससी के सचिव भूपेंद्र सिंह ने कहा था कि उनके परिवार या उनके रिलेशन में कोई व्यक्ति परीक्षा देने वाला है इसलिए वह सेक्रेसी की प्रक्रिया से हटाना चाहते हैं। इससे पहले आयोग के चेयरमैन मनवीर भड़ाना ने भी अपनी बेटी के द्वारा परीक्षा में शामिल होने पर खुद को भर्ती प्रक्रिया से अलग कर लिया था। सीएम ने कहा कि एचसीएस और डेंटल सर्जन की भर्ती प्रक्रिया में शामिल संदिग्ध आवेदकों को नोटिस भेज रहे हैं। अभी तक यह सामने नहीं आ पाया है कि डेंटल सर्जन और HCS पदों के अलावा किसी और भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई थी। भर्ती प्रक्रिया की गोपनीयता का काम आयोग के चेयरमैन द्वारा सचिव या उप सचिव को सौंपा जाता है। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में खाली छोड़ी गई गई ओएमआर शीट की एक सूची हरियाणा के डीजीपी को सौंपी गई है। ऐसे 54 आवेदकों की ओएमआर शीट की जानकारी डीजीपी को दी गई है। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इन आवेदकों को किसने सीट खाली छोड़ने के लिए कहा था हम मामले की तह तक जाएंगे।