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4 मिनट 12 सेकेंड में हुआ हार्ट अटैक के मरीज का इलाज, मिला नया जीवन

फरीदाबाद के सिविल अस्पताल बादशाह खान के सरकारी हार्ट सेंटर में 4 मिनट 12 सेकेंड के रिकॉर्ड टाइमिंग में हार्ट अटैक के मरीज का इलाज किया गया। जिसमें उसे नया नया जीवन दान मिला। नया जीवन मिलने पर मरीज के साथ - साथ परिजनों ने भी डॉक्टरों का धन्यावाद किया।

Written by  Rahul Rana -- March 11th 2023 02:32 PM
4 मिनट 12 सेकेंड में हुआ हार्ट अटैक के मरीज का इलाज, मिला नया जीवन

4 मिनट 12 सेकेंड में हुआ हार्ट अटैक के मरीज का इलाज, मिला नया जीवन

ब्यूरो: फ़रीदाबाद के सिविल अस्पताल बादशाह खान में आने वाले दिल के मरीज जहां हरियाणा और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर मुफ्त ईलाज कर रहे हैं तो वहीं बादशाह खान अस्पताल में पीपीपी मोड पर चल रहे हार्ट सेंटर के डॉक्टरों ने मात्र 4 मिनट 12 सेकेंड में एक हार्ट अटैक के मरीज की जान बचा कर उसे नया जीवन देने में सफलता हासिल की है । 

नया जीवन पाने के बाद मरीज और उसके परिजन हरियाणा व भारत सरकार की इस योजना को जीवन दायनी बता रहे हैं। यहां इलाज करा रहे मरीजों और उनके परिजनों का मानना है कि सरकारी अस्पताल में चल रहे हार्ट सेंटर में रिकॉर्ड टाइमिंग में एंजियोप्लास्टी की जा रही है। जो अन्य अस्पतालों के लिए मिसाल है। 


आपको बता दें कि बीते वीरवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया। जहां डबुआ कॉलोनी के एक दिल के रोगी की एंजियोप्लास्टी मात्र 4 मिनट 12 सेकेंड में कर दी गई। इस सफल ऑपरेशन को अंजाम देने वाले कार्डियोलोजिस्ट डॉक्टर गुंजन गर्ग ने बताया कि बीके अस्पताल के हार्ट सेंटर में डबुआ कॉलोनी निवासी 39 वर्षीय मरीज कुलदीप को अस्पताल लाने वाली उसकी पत्नी सुमन ने बताया कि उसके पति ने वीरवार सुबह 6 बजे घर पर ही सीने में दर्द की शिकायत हुई।

जिसके बाद वह पति को लेकर बीके अस्पताल के हार्ट सेंटर लेकर पहुंची। जहां मरीज के अस्पताल पहुंचने पर उन्होंने मरीज की ईसीजी की और उसके दिल को खून पहुंचाने वाली बांयी नस में सौ फीसदी ब्लॉकेज पाया। ईसीजी के बाद मरीज बेहोश होकर वहीं फर्श पर गिर गया। बिना देर किए उन्होंने और उनकी टीम ने उन्हें कैथ लैब में ले जाकर पहले दो शॉक दिए और मरीज कुलदीप की एंजियोप्लास्टी शुरू कर दी। देखते ही देखते मात्र 4 मिनट 12 सैकेंड में ही मरीज की बांयी नस में हुए ब्लॉकेज को रिकॉर्ड टाइमिंग में खोल कर उसे नया जीवन दिया। इस प्रोसिजर में उन्होंने मरीज के सिंगल स्टेंट डाला । वहीं डॉक्टर गुंजन गर्ग ने बताया कि यदि मरीज की एंजियोप्लास्टी करने में पांच मिनट की भी देरी हो जाती तो उसकी जान बचना संभव नहीं थी। यह अपने में रैयर केस था। 

- PTC NEWS

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