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चाइनीज मांझा बना पक्षियों के लिए काल, कई परिंदे और लोग हो रहे घायल

बसंत पंचमी पर्व के अवसर पर लोगपतंगबाजी कर अपना मनोरंजन करते है। वहीं, पतंगबाजी के लिए इस्तेमाल हो रही प्रतिबंधित चाइनीज डोर पक्षियों का दम घोट रही है। जानलेवा चाइनीज डोर बेजुबान पक्षियों की जान के लिए आफत बन गई है। युवाओं ने जहां बसंत पंचमी पर खूब पतंगबाजी की, वहीं राहगीर पतंग डोर की चपेट में आने से घायल हुए और परिदों पर भी इसका घातक प्रहार हुआ है।

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- January 28th 2023 03:31 PM -- Updated: January 28th 2023 06:41 PM
चाइनीज मांझा बना पक्षियों के लिए काल, कई परिंदे और लोग हो रहे घायल

चाइनीज मांझा बना पक्षियों के लिए काल, कई परिंदे और लोग हो रहे घायल

चंडीगढ़: बसंत पंचमी पर्व के अवसर पर लोग पतंगबाजी कर अपना मनोरंजन करते है। वहीं, पतंगबाजी के लिए इस्तेमाल हो रही प्रतिबंधित चाइनीज डोर पक्षियों का दम घोट रही है। जानलेवा चाइनीज डोर बेजुबान पक्षियों की जान के लिए आफत बन गई है। युवाओं ने जहां बसंत पंचमी पर खूब पतंगबाजी की, वहीं राहगीर पतंग डोर की चपेट में आने से घायल हुए और परिदों पर भी इसका घातक प्रहार हुआ है।

प्रतिबंध के बाद भी चाइनीज मांझा बिक रहा है। करनाल का सदर बाजार जिले में पतंग डोर का हब है। दुकानदार चोरी छिपे धडल्ले से चाइनीज माझा बेच रहे हैं। धड़ल्ले से बिक रही ये डोर प्रशासन के प्रतिबंध के दावों की पोल खोल रहा है। चाइनीज डोर में उलझकर दर्जनों पंछी घायल हो गए, जिनमें कईयों की टांग कट गई तो कईयों के पंख। जिला प्रशासन चाइनीज डोर की बिक्री पर रोक नहीं लगा पा रहा है। कागजी प्रतिबंध लगाकर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली जाती है।  


करनाल के सेक्टर-6 स्थित 'जीवो मंगलम संस्थान' में लोग घायल पक्षियों को इलाज के लिए ला रहे हैं। आश्रम में सेवा दे रहीं साध्वी अर्चिता ने बताया कि इन दिनों यहां सबसे ज्यादा घायल पंछी कबूतर आ रहे हैं। इसके अलावा पाख्ता, बटेर जैसे पक्षियों को भी लोगों ने इलाज के लिए 'जीवो मंगलम' संस्थान में पहुंचाया है। पिछले तीन दिनों से पतंग की डोर में उलझकर घायल होने वाले पक्षियों को संस्थान में पहुंचाया जा रहा है, जिनमे से आज एक घायल वाज भी आया है। अभी आने वाले दिनों में घायल पक्षियों की संख्या ओर भी बढ़ सकती है।

संस्थान में 2002 से निशुल्क सेवायें दे रहे डॉ शमशेर सिंह चौधरी ने बताया कि बसंत पंचमी के अवसर पर बहुत से पर कटे हुए पक्षी घायल अवस्था में लाए जा रहे हैं। संस्थान में लगभग 400 से 500 पक्षियों को शेल्टर दिया गया है। घायल हालत में पक्षियों को लेकर आए गीतिका और दिलबाग ने बताया कि अगर सरकार चाइनीज डोर को सख्ती से बैन करती है तो हम पक्षियों को बचा सकते हैं।  

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