Sat, Jul 27, 2024
Whatsapp

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग फिर लुढ़की, पाकिस्तान-बाग्लादेश और श्रीलंका से भी पिछड़ा

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- October 15th 2022 12:08 PM -- Updated: October 15th 2022 12:32 PM
ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग फिर लुढ़की, पाकिस्तान-बाग्लादेश और श्रीलंका से भी पिछड़ा

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग फिर लुढ़की, पाकिस्तान-बाग्लादेश और श्रीलंका से भी पिछड़ा

Global Hunger Index:

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में काफी गिरावट आई है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में भारत की रैंक पिछले साल के मुकाबले इस साल और भी नीचे चली गई है। इस बार भारत रैंकिंग में 107वें स्थान पर है। साउथ एशिया में भारत की रैंकिंग सिर्फ अफगानिस्तान से बेहतर है। इस हंगर इंडेक्स में 121 देशों को शामिल किया गया है। 2021 में भारत की रैकिंग 101 थी। पड़ोसी देशों में पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार को 99, 64, 84, 81 और 71वां रखा गया है। इसके साथ ही भारत का जीएचआई स्कोर भी गिरा है। 2000 में यह 38.8 था जो 2014 और 2022 के बीच 28.2- 29.1 के बीच पहुंच गया है। पिछली बार भारत की रैंकिंग गिरने के बाद सरकार ने इस रिपोर्ट की आलोचना करते हुए कहा था कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स की गणना के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पद्धति अवैज्ञानिक है। ग्लोबल इंडेक्स की सूची पर अभी हालांकि भारत की ओर से कोई बयान सामने नहीं आई है। महंगाई और आर्थिक संकट के साथ भुखमरी से जूझ रहे श्रीलंका और विनाशकारी बाढ़ के बाद भयंकर महंगाई और भुखमरी का सामना कर रहे पाकिस्तान को भी भारत से बेहतर स्थिति में दिखाया गया है। बाढ़ से जूझ रहे पाकिस्तान ने दुनिया से राशन की मांग की थी। हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार को निशाने पर लेते हुए लिखा, 'प्रधानमंत्री बच्चों में कुपोषण, भूख और स्टंटिंग जैसे वास्तविक मुद्दों को लेकर कब संबोधित करेंगे?भारत में 22.4 करोड़ लोग कुपोषित हैं। हिंदूत्व और हिंदी को थोपना भूखमरी की दवा नहीं है'।



ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापने और उन पर नज़र रखने का एक ज़रिया है। जीएचआई का स्कोर चार मूल्यों पर मापा जाता है। इनमें कुपोषण, शिशुओं में भयंकर कुपोषण, बच्चों के विकास में रुकावट और बाल मृत्यु दर शामिल है।


Top News view more...

Latest News view more...

PTC NETWORK