यात्री माल कर की बकाया राशि के निपटान के लिए एकमुश्त योजना, बिजली सरचार्ज माफी 2022 की भी घोषणा
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 31 मार्च 2017 तक यात्री एवं माल कर की 2113 करोड़ रुपये की बकाया राशि के निपटान के लिए एकमुश्त योजना को स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने ये घोषणा प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए की।
मुख्यमंत्री ने वीरवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में पुराना 'पंजाब पैसेंजर एवं गुड्स टैक्स एक्ट, 1952' खत्म हो चुका है, लेकिन उससे पहले की लगभग 2113 करोड़ रुपये की राशि की वसूली बकाया है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा बनाई गई योजना के तहत यदि भुगतान अधिसूचना की तिथि से 90 दिनों की अवधि के भीतर किया जाता है, तो लाभार्थी को मूल कर के साथ-साथ मूल कर के 25 प्रतिशत के बराबर एकमुश्त निपटान राशि देनी होगी।
प्रारंभिक आकलन के अनुसार वाहन कर, ब्याज और जुर्माने की राशि के बारे में जानकारी साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि कुल 2,62,715 वाहन ऐसे हैं, जिनका 31 मार्च, 2017 तक कुल देय कर की राशि 778 करोड़ रुपये है, जबकि 31 मार्च, 2017 तक देय ब्याज 761 करोड़ रुपये है। उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2021 तक ब्याज की राशि 574 करोड़ रुपये है।
मुख्यमंत्री ने बिजली डिफॉल्टर्स उपभोक्ताओं को राहत देते हुए बिजली सरचार्ज माफी योजना-2022 की घोषणा की, जिसके तहत ऐसी उपभोक्ता अपनी बकाया मूल राशि का भुगतान एकमुश्त या तीन किस्तों में कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना घरेलू, सरकारी, कृषि और अन्य डिफॉल्ट बिजली उपभोक्ताओं पर लागू होगी, जो 31 दिसंबर, 2021 को और उसके बाद भी डिफॉल्टर चल रहे हैं।
इसके अलावा, जिन उपभोक्ताओं के बिल विवाद के मामले किसी भी न्यायिक फोरम में चल रहे हैं, यदि वे मामला वापिस ले लेते हैं तो वे भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना केवल तीन महीने की अवधि के लिए लागू होगी।
मुख्यमंत्री ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए योजना के लाभों के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि ऐसे सभी उपभोक्ता अपनी बकाया मूल राशि का भुगतान एकमुश्त या तीन किस्तों में कर सकेंगे। यदि ऐसे उपभोक्ता अपनी मूल राशि का भुगतान एकमुश्त करते हैं तो उन्हें मूल राशि पर 5 प्रतिशत अतिरिक्त डिस्काउंट दिया जाएगा। फ्रीज किए गए सरचार्ज की माफी 6 बिलों के नियमित भुगतान के साथ किस्तों में की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी बिजली कनेक्शभन सहित सभी अन्य उपभोक्ता वर्गों के लिए विलंब भुगतान सरचार्ज की 10 प्रतिशत वार्षिक की साधारण दर से पुनः गणना की जाएगी, जबकि वर्तमान में यह गणना 1.5 प्रतिशत मासिक की दर से की जाती है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लोगों को सुगम यातायात उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत घोषणा की है कि अब से शहरी क्षेत्रों में नई सड़कों का निर्माण 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी के अनुसार किया जाएगा। यानी सड़कों का निर्माण के लिए 50 प्रतिशत पैसा राज्य सरकार की ओर से दिया जाएगा और 50 प्रतिशत का खर्च शहरी स्थानीय निकाय को करना होगा।
उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों के पास पैसे की कमी के कारण यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि शहरों में जनता की मांगों के अनुरूप शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा 506 किलोमीटर सड़कें का निर्माण और मरम्मत का कार्य किया जाएगा, जिस पर 141 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। शहरी स्थानीय निकाय विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं कि वे आगामी 15 दिनों में प्रस्तावित सड़कों का टेंडर जारी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड प्रदेश में लगभग 850 किलोमीटर लंबाई की 313 सड़कें बनाई जानी है, जिस पर लगभग सवा 425 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
नई सड़कें डब्ल्यूबीएम के स्थान पर ब्लैक टॉप तकनीक से बनाई जाएंगी। इन सड़कों पर पानी नहीं भरेगा और यातायात भी सुगम होगा। उन्होंने कहां की विपणन बोर्ड द्वारा सड़कें मार्केट फीस द्वारा अर्जित आय से बनाई जाती है। लेकिन पिछले कुछ समय से मार्केट फीस से होने वाली आय में कमी आई है, इसलिए इन सड़कों के निर्माण हेतु एचआरडीएफ फंड से बिना ब्याज के 150 करोड़ रुपये विपणन बोर्ड को उपलब्ध करवाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 90 विधानसभा क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण के संबंध में विधायकों से मांग और सुझाव लिए गए हैं।इसके अनुरूप लोक निर्माण विभाग द्वारा आगामी डेढ़ साल में कुल 2750 किलोमीटर की सड़कें बनाई जाएंगी, जिस पर लगभग 1600 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके अलावा, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा 112 किलोमीटर की सड़कें बनाई जा रही है या उनका टेंडर हो चुका है। इनके निर्माण पर लगभग 30 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम महानगरीय विकास प्राधिकरण और फरीदाबाद महानगरीय विकास प्राधिकरण द्वारा 197 किलोमीटर की सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है, जिस पर लगभग 402 करोड़ रुपये खर्च आएगा।
मुख्यमंत्री कहां की हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं संरचना विकास निगम के 24 इंडस्ट्रियल एस्टेट है। इनमें 273 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत का कार्य कांट्रेक्टर द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांट्रेक्टर द्वारा कई बार काम में देरी के चलते मरम्मत कार्य समय पर पूर्ण नहीं होता। इसके लिए हम डिफेक्ट लायबिलिटीज को मॉनिटर करेंगे और हर 6 महीने में सर्टिफिकेशन के माध्यम से सड़कों की हालत की जानकारी लेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत किया जा रहा है। इसी कड़ी में स्कूलों के अंदर ड्यूल डेस्क उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इसके साथ-साथ स्कूलों में पीने के पानी व शौचालय आदि की व्यवस्थाओं को और बेहतर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर कक्षा में ड्यूल डेस्क हो, इसके लिए सभी स्कूलों की स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) को सक्रिय किया गया है।
एसएमसी अपने-अपने स्कूलों के हिसाब से ड्यूल डेस्क की डिमांड मुख्यालय में भेज रही हैं। इस डिमांड की जांच के उपरांत ड्यूल डेस्क के लिए बजट जारी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि एसएमसी उच्च गुणवत्ता के ड्यूल डेस्क बनवाए। वे किसी बड़ी कंपनी की बजाए स्थानीय कारपेंटर से इन्हें तैयार करवाए, ताकि स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग की वेबसाइट पर आवेदकों को शिकायत करने में कुछ तकनीकी परेशानी आ रही है। ऐसे में कर्मचारी चयन आयोग द्वारा जारी किए गए व्हाट्स एप नंबर- 9872723100 पर भी आवेदक अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय के अंतर्गत डेवलेपर्स से ईडीसी का बकाया पैसा लेना था, उनके लिए सरकार ने समाधान से विकास योजना बनाई थी। बहुत से लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया और सरकार ने करीब 2 हजार करोड़ रुपये वसूल किए। इस योजना को अब कुछ बदलावों के साथ छह महीने के लिए बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा कि ईडीसी का ब्याज व जुर्माने का 25 प्रतिशत एकमुश्त व मूल ईडीसी का बकाया देने पर 75 प्रतिशत राशि को माफ किया जाएगा। इस योजना को 15 सितंबर तक पहले की तरह ही लागू किया जा रहा है। इसके बाद अगले छह महीने तक हर महीने 25 प्रतिशत में एक-एक प्रतिशत के इजाफे के साथ लागू किया जाएगा।