ठंड की चपेट में समूचा उत्तर भारत, राजस्थान में -5 तक पहुंच गया तापमान...जानिए कब मिलेगी राहत
नेशनल डेस्क: समूचा उत्तर भारत इन दिनों शीत लहर की चपेट में है। पहाड़ी इलाकों के साथ साथ मैदानी इलाके भी प्रचंड ठंड की चपेट में (Cold wave) हैं। मैदानी इलाकों में तापमान माइनस तक पहुंच गया है। पहाड़ों पर बर्फबारी (snowfall) होने और कोहरे के चलते तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। राजस्थान के ज्यादातर इलाके भयंकर शीतलहर (Cold wave) की चपेट में हैं। चुरू का तापमान आज (19 दिसंबर) सुबह -2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जो सामान्य से 8 डिग्री कम है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले दो दिन शीतलहर का प्रकोप और बढ़ने की संभावना है। उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में दिखाई दे रहा है। राजस्थान के फतेहपुर शेखावाटी में कश्मीर की तरह बर्फ जमाने वाली सर्दी पड़ रही है। जिससे तापमान माइनस में बना हुआ है। [caption id="attachment_559767" align="alignnone" width="300"] राजस्थान में घास पर जमा कोहरा[/caption] राजस्थान के शेखावाटी में बर्फ जमाने वाली ठंड पड़ रही है। माइनस डिग्री तापमान के साथ शेखावाटी दूसरे दिन भी प्रदेश में सबसे ठंडा है। फतेहपुर शेखावाटी में आज (19 दिसंबर) 10 साल में पहली बार रात का तापमान -5.2 डिग्री दर्ज किया गया है।कड़ाके की ठंड की वजह से राजस्थान का रेगिस्तान जमने लगा है।शेखावाटी में लगातार दूसरे दिन तापमान जमाव बिंदु के नीचे रहने से कई स्थानों पर खेतों में ओस की बूंदें बर्फ बन गईं। शेखावाटी का सीकर, झुंझुनूं व चुरू जिला सबसे ज्यादा ठंडा बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को फतेहपुर कृषि अनुसंधान केंद्र पर न्यूनतम तापमान -5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेश भर में तीन दिन तक गंभीर शीतलहर (Sever Coldwave) का अलर्ट जारी है। राजस्थान की रेतीली जमीन से लेकर पेड़ों तक पर ओस की बूंदे बर्फ की तरह जम गई हैं। शेखावाटी का तापमान श्रीनगर के बराबर रिकॉर्ड किया गया है। मौसम विभाग (IMD) ने राज्य में अगले कुछ दिन तक कड़ाके की ठंड का अलर्ट जारी किया है।मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदेश में शेखावाटी के सर्दियों में सबसे ठंडा और गर्मियों में सबसे गर्म रहने की बड़ी वजह रेतीला होना है। रेतीला इलाका होने के साथ ही सर्दी के मौसम में सिंचित फसलों का रकबा ज्यादा है। [caption id="attachment_559768" align="alignnone" width="300"] फाइल फोटो[/caption] नीमकाथाना गवर्नमेंट कॉलेज के भूगोल विभाग के प्रोफेसर डॉ. आरसी यादव के मुताबिक, फव्वारों से सिंचाई के साथ वातावरण में नमी बढ़ने लगती है। उत्तरी हवा का दबाव बढ़ने से इलाका पूरी तरह से ठंडा हो जाता है। वहीं, गर्मियों में रेतीले टीले जल्दी गर्म होते हैं, जिससे 50 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच जाता है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, यदि हवा की दिशा में बदलाव हुआ तो दो दिन बाद यानी 23 दिसंबर तक तापमान में मामूली सुधार हो सकता है।