Tue, Mar 28, 2023
Whatsapp

यूपी बोर्ड : परीक्षा की कॉपी ठीक से चेक नहीं करने पर योग्य घोषित होंगे शिक्षक, कटेगा पारिश्रमिक

उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकनों में विशेष रूप से ध्यान देने के आदेश दिए गए हैं। अगर मूल्यांकन में कोई गड़बड़ी हुई तो उसका खमियाजा परीक्षकों को भुगतना पड़ेगा।

Written by  Jainendra Jigyasu -- March 17th 2023 01:06 PM
यूपी बोर्ड : परीक्षा की कॉपी ठीक से चेक नहीं करने पर योग्य घोषित होंगे शिक्षक, कटेगा पारिश्रमिक

यूपी बोर्ड : परीक्षा की कॉपी ठीक से चेक नहीं करने पर योग्य घोषित होंगे शिक्षक, कटेगा पारिश्रमिक

उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकनों में विशेष रूप से ध्यान देने के आदेश दिए गए हैं। अगर मूल्यांकन में कोई गड़बड़ी हुई तो उसका खमियाजा परीक्षकों को भुगतना पड़ेगा। नियमों के अनुसार कॉपियों के मूल्यांकन में दो प्रतिशत तक त्रुटि  पाई गई तो 85 फीसदी तक पारिश्रमिक में कटौती होगी। इतना ही नहीं परीक्षक 3 वर्षों के लिए अयोग्य घोषित भी कर दिया जाएगा।

बोर्ड के नियमों की मानें तो मूल्यांकन में 0.5 प्रतिशत की गड़बड़ी सामने आती है तो 25 फीसदी की कटौती की जाएगी। वहीं, 1 प्रतिशत की त्रुटि पाए जाने पर 50 प्रतिशत और मूल्यांकन में 2 फीसदी त्रुटि सामने आने पर परीक्षक के पारिश्रमिक में 85 फीसदी की कटौती होगी। बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक इस व्यवस्था के पीछे मुख्य कारण यह है कि मूल्यांकन कार्य  शुद्ध और त्रुटि विहीन तरीके से हों।


बता दें कि यूपी बोर्ड परीक्षा के समाप्त होते ही उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार बोर्ड की और से मूल्यांकन केंद्रों पर परीक्षकों की मनमानी रोकने के लिए कई नियमों में बदलाव किए गए हैं। दरअसल, विशेष निगरानी की व्यवस्था के तहत अब एक टोली के परीक्षक दूसरी टोली में नहीं जा पाएंगे।

माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कॉपियों की जांच करने के लिए 15 कार्य दिवस निर्धारित किए हैं। बीते सालों में केंद्रों पर परीक्षकों की मनमानी की वजह से बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ा था। अपनी मर्जी से किसी भी टोली में बैठकर परीक्षक कॉपियों को जांचते थे, जिसके चलते उप प्रधान परीक्षकों को खासी परेशानियां होती थीं। यही वजह है कि इन गतिविधियों को रोकने के लिए इस बार बोर्ड ने मूल्यांकन केंद्रों में यह व्यवस्था की है।

बोर्ड द्वारा जारी निर्देशों में साफ तौर पर कहा गया है कि उप प्रधान परीक्षक और उनके सहायकों को ऐसे बिठाने का प्रबंध हो जिससे मूल्यांकन कार्य में परीक्षकों की एकाग्रता प्रभावित ना हो सके। अगर कोई परीक्षक अपनी टोली के अलावा दूसरी कोई टोली में पाया गया तो उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया जाएगा और इस कार्य से भी हटा दिया जाएगा।

- PTC NEWS

adv-img

Top News view more...

Latest News view more...