यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए हर घंटे भारत सरकार कर रही इतना खर्च, पूरी लागत जानकर चौंक जाएंगे आप
operation ganga: यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए एयर इंडिया की ओर से उड़ानों का संचालन किया जा रहा है। एयर इंडिया की उड़ानों पर सात-आठ लाख रुपये प्रति घंटे की दर से लागत आ रही है। यानी भारत से यूक्रेन के करीब जाने और वहां से भारतीय नागरिकों को लेकर लौटने पर 1.10 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो रहे हैं। यह राशि उड़ानों की अवधि के अनुसार और ऊपर जा सकती है।
यूक्रेन में फंसे भारतीय विद्यार्थियों (Indian Students in Ukraine) एवं अन्य नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए एयर इंडिया बड़े आकार वाले ड्रीमलाइनर विमानों (Dreamliner Planes) का इस्तेमाल कर रही है। युद्धग्रस्त यूक्रेन (Russia Ukraine War) के पड़ोसी देशों रोमानिया और हंगरी के हवाईअड्डों (Romania and Hungary Airports) पर ये विमान उतर रहे हैं और वहां पहुंचे भारतीयों को लेकर लौट रहे हैं।
अभी तक कई सौ भारतीय नागरिकों को इस अभियान के तहत एयर इंडिया वापस भारत ला चुका है। एयर इंडिया की इन उड़ानों का संचालन भारत सरकार के निर्देश पर हो रहा है। एयर इंडिया के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा कि इस अभियान में ड्रीमलाइनर विमान की उड़ान पर प्रति घंटा करीब सात से आठ लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। एक बचाव अभियान में आने वाली कुल लागत इस पर निर्भर करेगी कि विमान कहां पर जा रहा है और कितनी दूरी का सफर तय कर रहा है।
इस अभियान में इस्तेमाल हो रहे ड्रीमलाइनर विमान में 250 से अधिक सीटें होती हैं। ड्रीमलाइनर के एक पायलट के मुताबिक इसकी उड़ान पर प्रति घंटे पांच टन विमान ईंधन की खपत होती है। वर्तमान में एयर इंडिया रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट के लिए उड़ानों का संचालन कर रही है। ये दोनों एयरलाइन के लिए ऑफलाइन स्टेशन हैं। इसका अर्थ है कि इन स्थानों के लिए इसकी निर्धारित सेवाएं संचालीत नहीं होती हैं।
फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटअवेयर के अनुसार शनिवार को बुखारेस्ट से मुंबई पहुंची उड़ान की अवधि करीब छह घंटे थी। बुडापेस्ट से दिल्ली पहुंचे विमान ने भी करीब छह घंटे उड़ान भरी थी। आने-जाने में एक उड़ान पर हर घंटे सात से आठ लाख खर्च हो रहे हैं।