पंजाब में गहरा सकता है बिजली संकट, कई पवार प्लांटों में खत्म हो रहा कोयला
पंजाब में बिजली संकट गहरा सकता है। खबर के मुताबिक पंजाब के थर्मल प्लांटों में कोयले की कमी हो गई है। गोइंदवाल साहिब प्लांट में कोयला खत्म हो गया है। वहां बिजली उत्पादन पूरी तरह बंद हो गया है। तलवंडी साबो थर्मल प्लांट में भी सिर्फ 4 दिन का कोयला बचा है। लेहरा मुहब्बत थर्मल प्लांट में 7, रोपड़ थर्मल प्लांट में 11 दिन और राजपुरा में भी 21 दिन का कोयला बचा है। माना जा रहा है कि कोयला संकट खत्म ना होने पर पंजाब में घंटों बिजली कट के साथ ब्लैकआउट की नौबत आ सकती है। हालांकि पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह का दावा है कि कोयले की कमी नहीं आने दी जाएगी। बंद हुए गोइंदवाल थर्मल प्लांट में 540 मेगावाट बिजली उत्पादन होता है। वहीं राजपुरा थर्मल प्लांट में 1400 मेगावाट और तलवंडी साबो थर्मल प्लांट में 1980 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। यह तीनों प्राइवेट थर्मल प्लांट हैं। वहीं सरकारी रोपड़ थर्मल प्लांट में 840 मेगावाट और लेहरा मुहब्बत में 1925 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। गर्मी की शुरूआत में ही थर्मल प्लांट बंद होने लगे हैं। ऐसे में लोगों को गर्मी झेलनी पड़ सकती है। जून महीने से पैडी सीजन भी शुरू होना है। उस वक्त किसानों को धान की बिजाई के लिए बिजली की जरूरत होगी। सरकार ने अभी कोई इंतजाम नहीं किया तो आगे समस्या बड़ी हो सकती है। पंजाब में पिछले साल अक्टूबर महीने में पंजाबियों ने बिजली संकट झेला। कोयले की कमी की वजह से प्राइवेट थर्मल प्लांटों में बिजली उत्पादन ठप हो गया था। भीषण गर्मी में लोगों को 24 घंटे में करीब 8 से 12 घंटे के कट झेलने पड़े। किसानों को भी बिजली नहीं मिली। पंजाब की जनता को बिजली की समस्या निजात दिलवाना सीएम भगवंत मान के लिए बड़ी चुनौती है।