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Shivratri 2022: ये है दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर, आस्था और नैसर्गिक सौंदर्य का अद्भुत संगम

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- February 28th 2022 06:17 PM
Shivratri 2022: ये है दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर, आस्था और नैसर्गिक सौंदर्य का अद्भुत संगम

Shivratri 2022: ये है दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर, आस्था और नैसर्गिक सौंदर्य का अद्भुत संगम

हरिद्वार: आज हम आपको ऐसी एक जगह के बारे में बताने जा रहे हें जहां पहुंचकर आपको लगेगा जन्‍नत कहीं है तो बस यहीं। 'तुंगनाथ' उत्‍तराखंड के गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक पर्वत है। इसी पर्वत पर स्थित है 'तुंगनाथ मंदिर।' यह भोलेनाथ के पंच केदारों में से एक है। उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने सोशल मीडिया ऐप कू पर तुंगनाथ मंदिर का वीडियो शेयर कर लिखा कि तुंगनाथ मंदिर, दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है। इस मंदिर में आस्था और नैसर्गिक सौंदर्य का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। तीर्थाटन एवं रोमांचक गतिविधि में रुचि रखने वाले यहां खिंचे चले आते हैं। रुद्रप्रयाग में आपको ट्रैकिंग का भी अनोखा अनुभव मिलेगा। आप भी ‘देवभूमि’ अवश्य आएं, उत्तराखंड में सभी का हार्दिक स्वागत है। बाबा केदारनाथ की जय!

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तुंगनाथ मंदिर, दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है। इस मंदिर में आस्था और नैसर्गिक सौंदर्य का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। तीर्थाटन एवं रोमांचक गतिविधि में रुचि रखने वाले यहां खिंचे चले आते हैं। रुद्रप्रयाग में आपको ट्रैकिंग का भी अनोखा अनुभव मिलेगा। आप भी ‘देवभूमि’ अवश्य आएं, उत्तराखंड में सभी का हार्दिक स्वागत है। बाबा केदारनाथ की जय! #bholenath #shivtemple #tunganath #kedarnath - Uttarakhand Tourism (@uttarakhand_tourismofficial) 28 Feb 2022
उत्तराखंड में स्थित तुंगनाथ मंदिर में भगवान शिव के हृदय और बाहों की पूजा होती है। यह केदारनाथ और बद्रीनाथ के करीब-करीब बीच में है। हिमालय के दामन में स्थित तुंगनाथ मंदिर भक्तों के लिए आकषर्ण का केंद्र है। इस जगह की खासियत यह है कि यहां आकर हर एक इंसान तनाव को भूल, यहां कि शांति को महसूस करने लगता है। यहां के शांत माहौल का लोगों पर इतना प्रभाव पड़ता है कि जीवन के प्रति उनका नजरिया ही बदल जाता है। Tungnath Temple तुंगनाथ मंदिर की ये हैं खासियत इस मंदिर से जुड़ी कई कहानियां और मान्यताएं प्रसिद्ध हैं। ऐसा कहते हैं कि यहां पर भगवान शिव के हृदय और बाहों की पूजा होती है। समुद्रतल से इस मंदिर की ऊंचाई 12,000 फुट से ज्यादा है। इसी कारण इस मंदिर के आस-पास के पहाड़ों पर बर्फ जमी रहती है। अन्य चार धामों की तुलना में यहां पर शिव भक्तों की भीड़ कुछ कम होती है। इसके बावजूद फिर भी हजारों की संख्या में हर वर्ष भक्त यहां पर आते हैं। Tungnath Temple कैसे पहुंचे तुंगनाथ मंदिर समुद्र की सतह से 3680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर की गिनती पञ्चकेदार में होती है। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित यह मंदिर चमोली और गोपेश्वर से क्रमशः 55 व 45 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां पहुंचने हेतु सबसे पहले रुद्रप्रयाग जिले के सुन्दर स्थल चोपता पहुंचना होता है। चोपता रुद्रप्रयाग से गोपेश्वर के रास्ते में 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मार्ग पर चोपता पहुंचकर फिर साढ़े तीन किलोमीटर की ऊंची चढ़ाई चढ़कर तुंगनाथ पहुंचा जा सकता है। यह चढ़ाईदार रास्ता बेहद सुन्दर है। Tungnath Temple

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