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हरियाणा की इन सीटों पर रहा रोमांचक मुकाबला, नूंह दंगों के आरोपी ने दर्ज की सबसे बड़ी जीत, देवेंद्र अत्री ने 32 वोटों से पलटा पासा

5 अक्टूबर को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के सभी सीटों के नतीजे सामने आ गए हैं। इन नतीजों में 10 सीटें ऐसी रहीं, जिन पर हार-जीत सभी के बीच चर्चा का विषय बनी रही। इस सीट में देवेंद्र अत्री की सीट भी रही, जहां उन्होंने महज़ 32 वोटों के फासले से जीत दर्ज की। वहीं नूंह जिले की फिरोजपुर झिरका सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मामन खान ने 98,441 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Md Saif -- October 09th 2024 11:47 AM
हरियाणा की इन सीटों पर रहा रोमांचक मुकाबला, नूंह दंगों के आरोपी ने दर्ज की सबसे बड़ी जीत, देवेंद्र अत्री ने 32 वोटों से पलटा पासा

हरियाणा की इन सीटों पर रहा रोमांचक मुकाबला, नूंह दंगों के आरोपी ने दर्ज की सबसे बड़ी जीत, देवेंद्र अत्री ने 32 वोटों से पलटा पासा

ब्यूरो: Haryana Election Results 2024 5 अक्टूबर को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के सभी सीटों के नतीजे सामने आ गए हैं। इन नतीजों में 10 सीटें ऐसी रहीं, जिन पर हार-जीत सभी के बीच चर्चा का विषय बनी रही। इस सीट में देवेंद्र अत्री की सीट भी रही, जहां उन्होंने महज़ 32 वोटों के फासले से जीत दर्ज की। वहीं नूंह जिले की फिरोजपुर झिरका सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मामन खान ने 98,441 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 5-5 सीटें ऐसी रहीं जहां उम्मीदवार के जीत का अंतर काफी बड़ा और काफी कम था। आप उन सीटों के बारे में पढ़िए....


वे 5 सीटें जहां उम्मीदवार बड़े अंतर से जीते

1. विधानसभा सीट- फिरोजपुर झिरका  

कांग्रेस उम्मीदवार मामन खान 98,000 से अधिक वोटों के भारी अंतर से जीते। मामन खान को 1 लाख 30 हजार 497 वोट मिले। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार नसीम अहमद को हराया, यहां बीजेपी उम्मीदवार को 32,056 वोट मिले।

कारण- मामन खान की जीत का मुख्य कारण नूंह हिंसा थी। 31 जुलाई को हुई हिंसा के दौरान मामन खान सुर्खियों में रहे थे। पुलिस ने उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया था और वह एक महीने से अधिक समय तक जेल में भी रहे। जेल से छूटने के तुरंत बाद उन्होंने हिंसा को लेकर विवादित बयान भी दिया था। फिर कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार बनाया।

2. विधानसभा सीट- गढ़ी सांपल किलोई  

इस सीट से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी प्रत्याशी मंजू हुड्डा को 71,465 वोटों से हराया। भूपेंद्र हुड्डा को 1,08,539 वोट मिले, वहीं मंजू हुड्डा को 37,074 वोट मिले।

कारण- यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ रहा है। हुड्डा 2005 से लगातार इस सीट पर जीत हासिल कर रहे हैं। यह भी कहा गया कि जब वह सीएम बने थे, तो उन्होंने सबसे ज्यादा फोकस रोहतक पर किया था।

3. विधानसभा सीट- बादशाहपुर  

इस सीट से राव नरबीर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने कांग्रेस के वर्धन यादव को 60,705 वोटों से हराया। राव नरबीर सिंह को 1,45,503 वोट मिले, वहीं वर्धन यादव को 84,798 वोट मिले।

कारण: यह बीजेपी का गढ़ है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भी राव इंद्रजीत एक लाख से ज्यादा वोटों से जीते थे। 2019 में बीजेपी ने राव नरबीर सिंह का टिकट काटकर मनीष यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह हार गए।

4. विधानसभा सीट- नूंह  

मेवात की इस सीट से कांग्रेस के आफताब अहमद ने इनेलो-बसपा प्रत्याशी ताहिर हुसैन को 46,963 के अंतर से हराया। आफताब अहमद को 91,833 वोट और ताहिर हुसैन को 44,870 वोट मिले।

कारण- इस सीट पर मुस्लिम वोटरों की हिस्सेदारी करीब 55.2 फीसदी है। यह हरियाणा का सबसे बड़ा ग्रामीण जिला है जिसकी 92.34 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। इस सीट पर अब तक मुस्लिम समुदाय के उम्मीदवार ही विधायक बने हैं।

5. विधानसभा सीट- पटौदी  

इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार बिमला चौधरी ने कांग्रेस के पर्ल चौधरी को 46,530 वोटों के अंतर से हराया। इस सीट पर बीजेपी को 98,519 वोट मिले जबकि कांग्रेस को 51,989 वोट मिले।

कारण: अहीरवाल बेल्ट की यह सीट केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के प्रभाव में है। बिमला चौधरी 2014 से 2019 तक विधायक रहीं। 2019 में उनका टिकट रद्द कर दिया गया। इस बार राव इंद्रजीत सिंह की बदौलत बिमला चौधरी को यहां से टिकट मिला।

सबसे कम अंतर से हार-जीत का फैसला इन सीटों पर हुआ

1. विधानसभा सीट- उचाना कलां  

यहां से बीजेपी मामूली अंतर से जीते। इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र अत्री ने कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह को 32 वोटों के अंतर से हराया। यहां से बीजेपी को 48,968 वोट और कांग्रेस को 48,936 वोट मिले।

कारण: यह स्थान जाट बाहुल्य है। यह सीट पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह की पारंपरिक सीट मानी जाती है। हालांकि 2019 में पूर्व सीएम दुष्‍यंत चौटाला ने यहां से फतह हासिल की थी। इस बार बृजेंद्र सिंह ने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था।

2. विधानसभा सीट- डबवाली

इस सीट से इनेलो के आदित्य चौटाला ने जीत हासिल की। यहां से उन्होंने कांग्रेस के अमित सिहाग को 610 वोटों के अंतर से हराया। आदित्य को 56,074 और सिहाग को 55,464 वोट मिले.

कारण: डबवाली की सीट चौटाला परिवार का किला रहा है। आदित्य चौटाला पूर्व उप मंत्री देवीलाल के पोते हैं। बीजेपी द्वारा टिकट न दिए जाने से नाराज होकर उन्होंने इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ा। 2019 में सिहाग ने आदित्य को 15,647 मतों के अंतर से हराया।

3. विधानसभा सीट- लोहारू

यहां से कांग्रेस के राजवीर परतिया ने हरियाणा में मंत्री रहे जेपी दलाल को 792 वोटों से हराया। कांग्रेस को यहां 81,336 वोट मिले जबकि बीजेपी को 80,544 वोट मिले।

कारण: इस सीट पर बीजेपी की हार का मुख्य कारण एक दशक से चली आ रही एंटी इनकंबेंसी है। जेपी दलाल कैबिनेट के सदस्य थे, उन पर क्षेत्र में कम सक्रिय होने का आरोप बार-बार लगता रहा है।

4.विधानसभा सीट- आदमपुर

इस सीट के नतीजे चौंकाने वाले रहे। यहां से बीजेपी के सीटिंग एमएलए भव्य बिश्नोई कांग्रेस प्रत्याशी चंद्र प्रकाश से महज 1268 वोटों के अंतर से हार गए। यहां कांग्रेस को 65,371 और बीजेपी को 64,103 वोट मिले।

कारण: बीजेपी की हार का मुख्य कारण यह था कि भव्य बिश्नोई इस सीट पर ज्यादा सक्रिय नहीं थे। वैसे यह जगह बिश्नोई परिवार का गढ़ कहा जाता है। भव्य से पहले उनके पिता कुलदीप बिश्नोई यहां विधायक थे। भले ही वह उस समय कांग्रेस में थे।

5. विधानसभा सीट- पूंडरी

इस सीट पर बीजेपी का मुकाबला निर्दलीय उम्मीदवार से था। यहां बीजेपी प्रत्याशी सतपाल जांबा ने निर्दलीय प्रत्याशी सतबीर भाणा को 2197 वोटों से हराया। बीजेपी को 42,805 और निर्दलीयों को 40,608 वोट मिले।

कारण: इस सीट से पिछले कई चुनाव निर्दलीय जीते थे। इस चुनाव में तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी थे, गोलन, भाणा और कौशिक। यहां वोट बंटने से भाजपा को सीधा फायदा हुआ।

- PTC NEWS

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