Haryana: CM मनोहर लाल ने प्रदेश में लागू की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम,व्यापारियों को मिलेगी राहत,राजस्व में होगी बढ़ोतरी
ब्यूरो: गुरुग्राम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सेक्टर 44 में आयोजित आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा कार्यक्रम में शिरकत की। इस मौके पर सीएम मनोहर लाल और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने वन टाइम सेटलमेंट योजना की शुरुआत की। आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा शुरू की वन टाइम सेटलमेंट योजना की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आम जनता के सहयोग के लिए विवादों से समाधान करने के लिए इस योजना में अहम कदम उठाया गया है। इससे न केवल व्यापारियों को बल्कि आम जनता को भी काफी फायदा होगा। इस योजना से 7 टैक्स की समस्याओं का समाधान होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि व्यापारियों की तमाम समस्याओं का समाधान के लिए सरकार की तरफ से कई बड़े कदम उठाए गए हैं उसमें योजना एक बड़ा अहम कदम है।
उप मुखयमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने व्यापारियों व उद्योगपतियों की भलाई के लिए यह नई योजना लागू की है। इसके लिए विगत विधानसभा सत्र में नया विधेयक भी पारित करवाया गया। जिससे कि 30 जून, 2017 तक की अवधि के बकाया कर मामलों में व्यापारी को छूट मिल सके। उन्होंने कहा कि CM मनोहर लाल से जब बकाया कर राशि के मामलों में व्यापारियों को एकमुश्त छूट देने की स्कीम को लागू करने के बारे में बात की गई तो उन्होंने तुरंत इस पर अपनी सहमति प्रकट की और आज वे स्वयं इस कार्यक्रम में योजना की घोषणा करने के लिए आए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल में व्यापारियों को राहत देने के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं। जिसमें से यह भी आज एक नई योजना शुरू हुई है।जिसके अंतर्गत व्यापारियों को सात तरह के बकाया करों में ब्याज और जुर्माना माफी की राहत मिलेगी। आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं करदाताओं के सहयोग से हरियाणा प्रदेश एक छोटा राज्य होते हुए भी देश में कर संग्रह के मामले में पहले पांच राज्यों में शामिल है। आज कराधान के मामले में देश का सबसे बेहतर इंफ्रास्ट्रकचर हरियाणा में है।
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आपको बता दें कि इस योजना के तहत डिस्प्यूटेड टैक्स यदि 50 लाख रूपये तक है तो 30 फीसदी ही उसका भुगतान करना होगा। यदि 50 लाख रुपए से ज्यादा की राशि है तो उसके लिए 50 फीसदी भुगतान देना होगा। इसके अलावा अनडिस्प्यूटेड टैक्स है तो उसकी कोई यदि अपील नहीं की है तो उसे मामले में कोई पेनल्टी और ब्याज नहीं देना होगा।
तीसरे मामले में डिफरेंशियल टैक्स है तो उसे कैटेगरी में कुल राशि का 30 पीस दी ही भुगतान करना होगा। वहीं 10 लाख रुपए तक के भुगतान की राशि एक किस्त में ही देनी होगी। इस योजना के तहत अलग-अलग स्लैब बनाए गए हैं जिसमें व्यापारियों को काफी फायदा मिलेगा यही नहीं व्यापारियों को अब ऑफिस के चक्कर काटने होंगे और न ही किसी तरह से टैक्स भरने में परेशानी आएगी।
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