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बंद होगी हरियाणा में निजी स्कूलों की लूट: नए नियम हुए लागू, मनमर्जी से नहीं बढ़ा पाएंगे फीस

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- January 18th 2022 06:09 PM
बंद होगी हरियाणा में निजी स्कूलों की लूट: नए नियम हुए लागू, मनमर्जी से नहीं बढ़ा पाएंगे फीस

बंद होगी हरियाणा में निजी स्कूलों की लूट: नए नियम हुए लागू, मनमर्जी से नहीं बढ़ा पाएंगे फीस

चंडीगढ़: हरियाणा के निजी स्कूलों के लिए नए नियम जारी किए गए हैं। प्राइवेट स्कूलों को अब एक फरवरी तक फॉर्म 6 भरना होगा। अभी शिक्षा निदेशालय फॉर्म-6 का लिंक जारी करने से पहले ट्रायल रन कर रहा है, लेकिन स्कूलों को आदेश पंहुच चुके हैं। स्कूलों को अपनी सभी गतिविधियां प्रोस्पेक्ट्स में बतानी पड़ेंगी। इसके साथ ही निजी स्कूल 10.13% से ज्यादा फीस भी नहीं बढ़ा पाएंगे। हरियाणा में 6200 से अधिक मान्यता प्राप्त स्कूल हैं। स्कूल अपनी फीस तभी बढ़ा पाएंगे जब अध्यापकों के वेतन में औसतन वृद्धि होगी। यह नियम लागू होने से जहां अभिभावकों को यह पता रहेगा कि अगले साल बच्चे की कितनी स्कूल फीस देनी होगी, वहीं वो स्कूलों द्वारा अनिवार्य शुल्क बताकर बेवजह वसूले जाने वाले अतिरिक्त चार्ज से भी बच सकेंगे। Private schools जानकारी न देने वाले नहीं बढ़ा पाएंगे फीस सभी स्कूल अनिवार्य फीस फॉर्म-6 में भरेंगे। ऐसा न करने पर स्कूल को उस शैक्षणिक सत्र के लिए फीस बढ़ाने से रोक दिया जाएगा। छात्रों को स्कूल किसी भी दुकान से किताबें, पुस्तिकाएं, लेखन सामग्री, वर्दी लेने के लिए बाध्य नहीं करेंगे। स्कूल लगातार 5 शैक्षणिक वर्षों से पहले अपनी वर्दी में बदलाव नहीं करेंगे। Punjab declares winter vacation in all govt and private schools शिक्षा विभाग के निदेशक जे गणेशन का कहना है कि प्राइवेट स्कूल किसी विशिष्ट शैक्षणिक सत्र में किसी कक्षा, ग्रेड या स्तर पर नए एडमिशन के इच्छुक छात्रों के लिए नियमानुसान फीस निर्धारित करने में स्वतंत्र होंगे। परंतु आगामी वर्षों के लिए नए नियम के अनुसार ही वृद्धि होगी। स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसके द्वारा अर्जित आय का उपयोग केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। फीस वृद्धि कानून की अवहेलना की शिकायत मिलने पर फीस रेगुलेटरी कमेटी जांच करेगी, जिसमें स्कूल और शिकायतकर्ता को सुनवाई का उचित अवसर दिया जाएगा। जांच का दायरा तीन माह तक सीमित होगा। जांच में दोषी मिलने पर कमेटी स्कूल पर जुर्माना भी लगा सकती है। पहली शिकायत में कानून की अवहेलना साबित होने पर प्राथमिक स्कूलों पर 30 हजार, मिडिल स्तर के स्कूलों पर 50 हजार और माध्यमिक व वरिष्ठ माध्यमिक स्तर के स्कूलों पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाया जा सकता है। दूसरी शिकायत में कानून की अवहेलना साबित होने पर प्राथमिक स्कूलों पर 60 हजार, मिडिल स्तर के स्कूलों पर एक लाख और माध्यमिक व वरिष्ठ माध्यमिक स्तर के स्कूलों पर दो लाख रुपए जुर्माना किया जा सकता है। तीसरी शिकायत में कानून की अवहेलना साबित होने पर कमेटी स्कूल की मान्यता वापस लेने के लिए निदेशक को सिफारिश कर सकती है, जिसके बारे में तीन मास के भीतर सुनवाई होगी। स्कूलों को भी अपील करने का अधिकार कमेटी के किसी आदेश के खिलाफ निदेशक को भी अपील करने का अधिकार है। निदेशक के किसी आदेश के खिलाफ अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव शिक्षा विभाग को अपील की जा सकती है। दंड के भुगतान के बाद ही अपील प्राधिकारी को की जा सकती है।  


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