अधर में लटका है हिमाचल के हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों का भविष्य
हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों के तहत आउटसोर्स किए गए कर्मचारियों का भविष्य अधर में है। पिछले 20 साल से राज्य सरकार के विभागों में सेवाएं दे रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को सरकार ने निजी कंपनियों के माध्यम आउटसोर्स किया था। प्रदेशभर के आउटसोर्स कर्मचारियों के नियमित करने और वार्षिक वेतनवृद्धि का मामला गरमा गया है।
इन कर्मचारियों को सरकार वेतन का भुगतान भी संबंधित कंपनियों के माध्यम से करती है। राज्य सरकार इन कंपनियों के साथ हर साल लिखित करार भी करती है और इन कर्मचारियों की सेवाएं साल दर साल बढ़ाई जाती हैं। इन आउटसोर्स कर्मचारियों को सालाना वेतनवृद्धि भी नहीं दी जा रही। न ही इस वर्ग के कर्मचारियों को रेगुलर करने की कोई नीति सरकार ने अभी तक तैयार की है। राज्य सरका को सेवा दे रहे इन आउटसोर्स कर्मचारियों को भाजपा की पूर्वर्ती सरकार ने भी केवल आश्वासन दिया।
आउटसोर्स कर्मचारी कहते हैं कि पिछले कई साल से सेवाएं देने के बाद भी सरकार ने उनका भविष्य सुरक्षित नहीं किया है। पूर्व सरकार भी पांच साल तक सिर्फ आश्वासन ही दे सकी है। बताते हैं कि आउटसोर्स कर्मचारी जलशक्ति, बिजली विभाग, वोकेशनल कोर्स समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल कल्याण विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जिन कंपनियों के साथ सरकार ने करार किया था, उनके समझौते भी अब अधर में हैं। कुछ कंपनियों के साथ 31 मार्च, 2023 को समझौता खत्म हो रहा है।
- PTC NEWS