सरपंचों के खिलाफ एफआईआर वापस लें सरकार : भूपेंद्र हुड्डा
भाजपा-जजपा सरकार पर हमला बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने उन सरपंचों के खिलाफ प्राथमिकी वापस लेने की मांग की है जिन पर पंचकुला पुलिस ने 1 मार्च को मामला दर्ज किया था। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए हुड्डा ने कहा कि पंचायतों पर थोपी गई ई-टेंडरिंग व्यवस्था सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और इसीलिए सरकार ई-टेंडरिंग के नाम पर पंचायती राज व्यवस्था में भी भ्रष्टाचार का अड्डा जमाना चाहती है।
जब पंचायत प्रतिनिधियों ने इसका विरोध किया तो सरकार ने उनकी आवाज को क्रूर बल से दबाने की कोशिश की। सरकार ने सरपंचों की मांग मानने के बजाय उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी। कांग्रेस इस संबंध में 6 मार्च को राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेगी।
सरपंच अपनी खर्च सीमा दो लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि एक गांव में दो लाख रुपए में कोई विकास कार्य नहीं हो सकता। पंच और सरपंच शिक्षित होने के बावजूद ठेकेदारों के हाथों की कठपुतली बन जाएंगे।
बता दें कि राज्य सरकार का कहना है कि उसने पारदर्शिता, जवाबदेही और तेजी से निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए गांवों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए ई-निविदा शुरू की है। इसके तहत पंचायतें दो लाख रुपए तक के कार्य अपने स्तर पर करा सकती हैं। बता दें कि पहले खर्च की सीमा 20 लाख रुपए तक थी।
- With inputs from agencies