प्रदेश में आज से वाटर सेस लागू, सरकार को हर साल होगी करीब 1 हजार करोड़ की आय, राजस्व को मिलेगा बढ़ावा
ब्यूरोः प्रदेश में आज से जल विद्युत परियोजनाओं पर वाटर सेस वसूला जाएगा। प्रदेश सरकार प्रति घनमीटर 0.10 रुपए से 0.50 रुपए प्रति घनमीटर तक वाटर सेस वसूलेगी। इससे सरकार को हर साल 1,000 करोड़ की आय होगी। जिससे प्रदेश सरकार को भी काफी लाभ मिलेगा। आपको बता दें कि सरकार बजट को लेकर लगातार चिंता में है ऐसे में वाटर सेस लगाए जाने पर उन्हें हर साल करोड़ों का फायदा मिलेगा।
हालांकि इससे पहले पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भी राजस्व बढ़ाने के लिए वहां की सरकारों ने बिजली उत्पादन पर पानी का सेस लगाने का फैसला लिया है। इसी की तर्ज पर हिमाचल में भी यह निर्णय लिया गया। इसके लिए सरकार ने जनरेशन विधेयक 2023 पेश करने की मंजूरी भी दे दी है। हालांकि अभी अब विधानसभा के बजट सत्र में भी इसका बिल लाकर कानून बनाया जाएगा। इस सेस के लगने से हर साल सरकार के खजाने में करीब 1000 करोड़ रुपए जमा होंगे।
गौरतलब है कि यह वाटर सेस 1. 30 मीटर तक हेड की पनबिजली परियोजना 0.10 प्रति घन मीटर, 30 से 60 मीटर तक हेड की पनबिजली परियोजना 0.25 प्रति घन मीटर, 60 से 90 मीटर तक हेड की पनबिजली परियोजना 0.35 प्रति घन मीटर और 90 मीटर से अधिक हेड की पनबिजली परियोजना 0.50 प्रति घन मीटर के तहत वसूला जाएगा।
हालांकि इस सेस को वसूलने के लिए सरकार द्वारा एक आयोग बनाया जाएगा। जिसमें अध्यक्ष सहित कुल 4 लोगों को मेंबर बनाया जाएगा। इन सभी सदस्यों की नियुक्ति प्रशासनिक, लीगल और अनुभव के आधार पर की जाएगी।
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